देश आज करगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस जंग में देश की सरहद की रक्षा करने के लिए बिना हिचक 500 से ज़्यादा बहादुर जवानों ने हंसते-हंसते अपना सर्वोच्य बलिदान दे दिया था। देश आज अपने वीरों की शहादत को गर्व के साथ याद कर रहा है। देश भर में आयोजित कार्यक्रमों के ज़रिए देश के सपूतों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। यही है देश की परंपरा भी। जो हमेशा अदम्य साहस, वीरता और राष्ट्र के प्रति समपर्ण को अमर रखता है। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः को मानने वाला भारत विश्व शांति और कल्याण की भावना के साथ रहता है। लेकिन साल 1999 में पड़ोसी पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत की सीमाओं पर अपनी बुरी निगाहें जमाई। उसकी सेनाओं ने दबे पांव नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। द्रास सेक्टर की कई ऊंची रणनीतिक चोटियों पर कब्जा कर लिया। भारतीय सेनाओं को जब इसकी भनक लगी तब भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध लड़ा गया और भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन विजय’। एक-एक चोटी पर से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया था। ये युद्ध दुनिया के सबसे ऊंचाई वाले क्षेत्र में लड़ा जाने वाला युद्ध भी था। 15 हज़ार फीट की ऊंचाई से ज़्यादा वाले क्षेत्र पर भारतीय सेना ने अपने रणकौशल का बखूबी परिचय दिया था।
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